सोमवार, 20 अक्तूबर 2008

चुनाव से पहले नक्सलियों का खतरनाक इरादा

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव नजदीक देख नक्सलियों ने अपने खतरनाक इरादे को बीजापुर जिले के पॊगपल्ली में दिखा दिया है। बस्तर में नक्सली मतदाता फोटो परिचय पत्र बनवाने का भी विरोध कर रहे थे। जिसके कारण लोगों ने दहशत के कारण परिचय पत्र नहीं बनवाया। उधर राय के उत्तर में स्थित सरगुजा जिले में भी नक्सलियों द्वारा चुनाव पूर्व किसी बड़ी वारदात को अंजाम दिया जा सकता है। इसे देख सुरक्षा बलों तथा पुलिस के जवानों को एलर्ट कर दिया गया है। नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ के सरगुजा तथा बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों का आतंक पिछले पांच सालों में कम होने की बजाय बढा है। यह जरुर है कि सरगुजा जिले के बलरामपुर पुलिस जिले में पुलिस की सख्त कार्रवाई के कारण नक्सलियों की कमर टूटी है। लेकिन बस्तर के बीजापुर, दंतेवाड़ा तथा दक्षिण बस्तर के आंध्र सीमा से लगे क्षेत्रों में नक्सलियों ने अपना गढ़ स्थापित कर लिया है। कई ऐसे क्षेत्र है जहां आज भी पुलिस तथा सुरक्षा बल के जवान नहीं जाना चाहते। सोमवार को नक्सलियों ने पोंगपल्ली में सीआरपीएफ दल पर हमला कर चुनाव पूर्व अपने खतरनाक मंसूबे से अवगत करा दिया है। नक्सली यहां पहले से चुनाव का विरोध करते रहे है। विरोध में खुलेआम बैनर पोस्टर भी चस्पाया जाता रहा है। नक्सली यहां सबसे यादा भाजपा का विरोध कर रहे है। भाजपा सरकार में ही यहां नक्सल विरोधी जन आंदोलन सलवा जुडूम की शुरुवात हुई और सरकार ने सलवा जुडूम नामक इस आंदोलन को पूरा समर्थन दिया। यह जरुर है कि विधानसभा प्रतिपक्ष के नेता महेन्द्र कर्मा भी इस आंदोलन का समर्थन करते रहे हैं। सलवा जुडूम के कारण बस्तर के कई गांव खाली हो गये और उन्हें कैंपो में रहना पड़ रहा है। नक्सलियों द्वारा यहां उसी राजनीतिक दल को अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव में सहयोग किये जाने की संभावना है। जो सलवा जुडूम के खिलाफत रहते हुए यहां स्थापित हो रहे उद्योगों का विरोध किया है। नक्सली चुनाव पूर्व बस्तर में आतंक की स्थिति बनाने का प्रयास कर रहे है। इससे पुलिस एलर्ट है। पुलिस तनिक भी लापरवाही नहीं बरतना चाहती क्योंकि चुनाव पूर्व नक्सली और भी बड़ी घटना की योजना बनाकर अंजाम दे सकते है। नक्सली आतंक के कारण ही चुनाव आयोग ने छत्तीसगढ़ में दो अलग-अलग तारीखों में चुनाव का फैसला लिया। बस्तर में चुनाव के दौरान सुरक्षा बलो के अलावा सात हेलीकॉप्टरों से भी निगरानी रखी जायेगी। वहीं यहां 14 नवम्बर को मतदान होने के बाद सरगुजा में बीस नवम्बर को मतदान होना है। सरगुजा झारखंड से लगा हुआ है और नक्सली चुनाव से पहले अपना पैठ बना रहे हैं। हालांकि इससे निपटने पुलिस के जवान तैयार हैं। ऐसे में सरगुजा के घोर नक्सल प्रभावित बलरामपुर पुलिस जिले में भी नक्सली किसी वारदात को अंजाम दे सकते हैं।
प्रस्तुतकर्ता‍ दिलीप जायसवाल

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