रविवार, 11 अक्तूबर 2009

बीएसएफ में महिलाएं, पाक का इरादा नापाक

पाकिस्तान को भारत की मजबूत होती सैन्य शक्ति अब बर्दाश्त नहीं हो रही है। वह तुच्छता पर उतर आया है। पाक का यह कहना है कि भारत में जवानों की शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बीएसएफ ने महिला कर्मियों की तैनाती की है। भारत भूमि पर कई विरागनायें हुई हैं। जो इतिहास के पन्नों को गौरवांवित कर रही है। आज भी भारत में ऐसी लड़कियों की कमी नहीं है, जिन्हें नापाक इरादों से निपटने अच्छे से आता है। पाक के दुष्प्रचार से भारतीय सेना और ड्यूटी कर रही महिला सुरक्षाकर्मी आहत हो सकती है। ऐसे स्थिति में सरकार को चाहिए की वह पाक को उसके वक्तत्यों पर मुकम्मल जवाब दे और आरोप पर सही जांच कराये ताकि सीमा पर बेटियों को भेजने वाले मां-बाप विश्वास के साथ गर्व कर सके। यह इसलिए भी जरूरी है कि दूसरे देश भी पाक की तरह भविष्य में उंगली न उठाये। चाहे जो भी हो पाक अपने देश की महिलाओं के प्रति जैसी भावना रखता है, वह उसके इस बयान से भी झलका है। आज भी पाकिस्तान में महिलाओं की हालत दयनिय है। उसे अपने सोच बदलनी चाहिए। पाक मीडिया के माध्यम से उसका यह बयान उस समय आया है जब यहां नवरात्र चल रहा था। नारी शक्ति की आराधना में पूरा देश डूबा हुआ था। उसकी नियत भी साफ है, वह हर हाल में भारत को आगे नहीं बढ़ने देना चाहता। हमारी सरकार भी सुनने की आदी हो गई है। और उसकी करतूतों को बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया है। पाकिस्तान का ऐसा बयान इसलिए भी हो सकता है ताकि भविष्य में भारतीय लड़कियां बीएसएफ में जाने से सोचें और मां-बाप उनके पैरों पर परम्परारूपी जंजीर जकड़ दे। -दिलीप जायसवाल

कोई टिप्पणी नहीं: