मंगलवार, 9 फ़रवरी 2010

...तो भारत और तालिबान में क्या अंतर

समाज में एक तरफ सभी रिश्तों में कटूता का साम्राज्य बढ़ता जा रहा है। इससे प्रेम जैसा पवित्र रिश्ता भी अछूता नहीं रह गया है। वहीं किसी भी सभ्यता या संस्कृति का पर्व प्रेम करना सिखाये और उस पर समाज तथा धर्म के ठेकेदार विरोध कराने सड़क पर उतरे तो यह बताने के लिए काफी है कि उनकी मानसिकता समाज में प्रेम के प्रति कैसा है।

वेलेनटाईन-डे को लेकर शिवसेना तथा धर्मसेना ने विरोध दर्ज कराने का ऐलान कर दिया है और न जाने कितने संगठन इस मानसिकता के साथ विरोध में 14 फरवरी को दिखाई देंगे, लेकिन इन्हें विरोध से पहले यह समझ लेना चाहिए कि प्यार में गंदगी क्या है। अगर इन्हंे कोई अश्लीलता या गंदगी के मायने समझ में आते हैं तो विरोध से पहले समाज को बताना चाहिए। यहां सवाल उठता है कि क्या इस दिन कोई लड़का या लड़की के एक साथ घुमने पर समाज में अश्लीलता आती है। पार्क में बैठकर एक प्रेमी जोड़ा क्या बातें नहीं कर सकता। अगर ऐसे संगठन इन बातों को ही अश्लील मानते है तो भारत और तालिबान में क्या अंतर रह जायेगा।

पिछले वर्ष वेलेनटाईन-डे के दिन ही इंदौर में एक भाई-बहन को इन संगठनों के कार्यकर्ताओं के द्वारा मारापीटा गया और न जाने ऐसी घटनाएं कितने शहरों में हुई। इस बार भी इन संगठनों की भेंट जाने कितने भाई-बहन और प्रेमी जोड़े चढेंगे। वहीं सड़कों और पार्कों में प्यार करने वालों के खिलाफ कितना दहशत होगा ? इस पर सरकार को गंभीर बनने की जरूरत है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि समाज में ऐसे लोगों के खिलाफ कोई जगह नहीं है जो अराजक स्थिति तैयार करते हैं।

यहां पर हम एक सवाल वेलेनटाईन-डे का विरोध करने वालों से पूछना चाहेंगे कि क्या वे प्यार नहीं करते। माना कि वे सड़कों पर ऐसा व्यवहार इस दिन नहीं करते और इसकी जगह डंडा-झंड़ा लेकर विरोध करते है, लेकिन दूसरे दिनों में इस दिन विरोध करने वाले असामाजिक तरीके से कितने काम करते हैं, क्या इससे समाज की सद्भावना पर ठेस नहीं पहुंचती।

वैसे भी हमारे देश में प्यार करने वालों को कभी घर-परिवार तो कभी समाज से तंग आकर जान देने पड़ती है, तो कभी गला रेत कर हत्या कर दी जाती है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में तो ऐसी घटनाएं हमेशा होती रहती है। न जाने साल भर में कितने प्रेमी युगल हमेशा के लिए दुनिया से अलविदा हो जायेगा। वहीं कभी एक-दूसरे का ही दुश्मन बन जाते हैं। कभी कोई चाकू घोप कर हत्या कर देता है तो कभी उसी चेहरे पर तेजाब डाल देता है जिससे वह बेपनाह मोहब्बत करता होता है। इन सभी विकृतियों के बाद भी हमारे देश में प्यार हर किसी के दिल में अपनी अलग जगह रखता है और प्रेम करने वाले जोड़े तो हमेशा प्र्रेम करते ही रहेंगे। -दिलीप जायसवाल

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