मंगलवार, 17 फ़रवरी 2009

पेड़ों पर आशियाना


पेडों पर आशियाने की कल्पना कभी बीहड लगती है तो कभी बडी रोमांटिक। लेकिन पेडों पर आशियाना तमाम सहूलियतों वाला हो तो वहां टिकने का मन किसका न करेगा। अमेरिका के ओरेगोन में खूबसूरत दक्षिणी इलाके में ऐसा ही एक ट्रीहाउस रिसॉर्ट है। आउट एन अबाउट अब दुनियाभर में लोकप्रिय है, न केवल एक रिसॉर्ट के रूप में बल्कि दुनियाभर में पेडों पर आशियाना बनाने के शौकीन लोगों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में। सिसकियू पहाडियों के बीच ताकिलमा की खूबसूरत घाटी में ईस्ट फोर्क इलियोनिस नदी के उद्गमस्थल के ठीक नीचे यह ट्रीहाउस रिसॉर्ट है। बलूत [ओक] के पेडों की डालों पर बने हैं अलग-अलग तरह के ट्रीहाउस। सब कुछ पेडों पर। यह एक अलग ही दुनिया नजर आती है।
लेकिन इस रिसॉर्ट को खडा करने के लिए केवल कल्पना ही नहीं बल्कि लंबी कानूनी लडाई की भी जरूरत पडी। स्थानीय प्रशासन ने टिकने वालों की सुरक्षा का हवाला देते हुए इसे लाइसेंस नहीं दिया। लाइसेंस न मिला तो किराये पर नहीं दिया जा सकता था, इसलिए इसके संचालकों ने खास टीशर्ट बेचकर कमरे मुफ्त में दिए। आठ साल तक चली कानूनी जंग के बाद स्थानीय प्रशासन ने इन पेड-मकानों में सुरक्षा इंतजामों को स्वीकार किया और इसे लाइसेंस व ग्राहक मिले। आज यह यहां स्थापित ट्रीहाउस इंस्टीट्यूट दुनिया में अकेली जगह है जो ट्रीहाउस बनाने के बुनियादी इंजीनियरिंग, डिजाइन व निर्माण के तरीकों के बारे में गैरव्यावसायिक शिक्षा देती है।
यह रिसॉर्ट अनूठा है, इसलिए कई कायदों वाला है। यहां अलग-अलग सुविधाओं वाले कई ट्रीहाउस हैं। कई ट्रीहाउस ऐसे हैं जो तमाम सुविधाओं से परिपूर्ण हैं। जो नहीं हैं उनके लिए ट्रीरिसॉर्ट में बीच में एक बडा बाथहाउस व पैवेलियन है। मेन हाउस के किचन में हर सवेरे नाश्ता दिया जाता है। पैवेलियन में लांड्री, खेल व किचन की सुविधाएं हैं। लंच व डिनर तैयार करने के लिए बार-बे-क्यू, ग्रिल, कैंपफायर, पिकनिक टेबल वगैरह भी हैं। मजे के लिए झूले हैं, कई तरह के रोमांचक खेल [इनमें से कई पेडों से जुडे हुए], वॉलीबॉल कोर्ट और नदी के पानी से भरा रहने वाला मौसमी स्विमिंग पूल है। ट्रीहाउस में गरमियों का मौसम बच्चों व परिवारों से भरा-पूरा रहता है। यह एक समर कैंप की तरह हो जाता है। लिहाजा रोमांटिक लोग ऑफ सीजन में आना पसंद करते हैं।
यहां के द स्वीट को इंजीनियरिंग का कमाल माना जाता है। स्कूलहाउस स्वीट पूरे सालभर खुला रहता है। भीतर से गरम रहता है और इसमें छह मेहमान ठहर सकते हैं। इसका अपना बाथरूम है, टब है। रसोई में फ्रिज है, माइक्रोवेव, कॉफी मेकर, टोस्टर, बर्तन और छह लोगों की जरूरत की सारी चीजें। इसी में एक मास्टर बेडरूम है, दो बच्चों के लिए अलग से लॉफ्ट और बैठकखाना भी। पूरा घर सरीखा और सब कुछ पेड पर। है न हैरत की बात। स्विस फैमिली कॉम्प्लेक्स मार्च से अक्टूीबर तक खुला रहता है। पीकॉक पर्च पूरे साल खुला रहता है। इस तरह के कई अनूठे ट्रीहाउस इस रिसॉर्ट में हैं। जैसे कि ट्रीजेबो 37 फुट की ऊंचाई पर सबसे ऊंचा ट्रीहाउस है। कुछ ऐसे ट्रीहाउस भी हैं जिनका रास्ता पूरी तरह सुरक्षित है फिर भी डर जाने वालों के लिए नहीं। एक ट्रीहाउस से दूसरे पर जाने के लिए कई झूलते रास्ते बने हुए हैं।
सबसे महंगे स्वीट यानी ट्री रूम स्कूलहाउस का एक दिन का किराया चार लोगों के लिए ढाई सौ डॉलर है। सारे किरायों में नाश्ता शामिल है। इसी तरह अलग-अलग ट्रीहाउस के लिए किराये दो सौ डॉलर से 120 डॉलर तक हैं। इन किरायों में ठहरने वाले लोगों की संख्या भी निर्धारित है। प्रत्येक अतिरिक्त व्यक्ति के लिए 20 डॉलर देने होते हैं। जो लोग यहां ठहर नहीं सकते, वे इसे घूमने के लिए भी जा सकते हैं। अप्रैल से अक्टूबर तक हफ्ते में तीन दिन दिन में दो घंटे के लिए इस रिसॉर्ट की सैर की जा सकती है। इसके लिए किराया पांच डॉलर प्रति व्यक्ति है।
इसके अलावा कई तरह की अन्य गतिविधियां भी हैं जिनके लिए शुल्क देकर उनका मजा लिया जा सकता है। इनमें घुडसवारी व राफ्टिंग से लेकर आर्ट एंड क्राफ्ट तक सब शामिल है। लेकिन यहां अपने पालतू जानवरों को लेकर जाने की इजाजत नहीं है। सुरक्षा के लिहाज से तूफान के दिनों में या भारी हिमपात के दौरान इस रिसॉर्ट में ठहरने पर कुछ पाबंदियां लग जाती हैं।
इसे एक ट्रीहाउस वंडरलैंड कहा जा सकता है। यहां कुल 18 ट्रीहाउस हैं, सात झूलते पुल हैं, कई सीढियां, रस्सियां, प्लेटफार्म, और न जाने क्या-क्या हैं- पेडों पर बसी इस नगरी को चलाने के लिए। पूरा रिसॉर्ट 36 एकड इलाके में फैला हुआ है। पूरी तरह एक घरेलू उद्यम है। इसे बनाने के लिए कितनी मेहनत की गई होगी, यह यहां आकर ही समझा जा सकता है। लेकिन यह यकीनन ऐसी जगह है जिसका अनुभव अनूठा ही होगा। अगली बार यदि अमेरिका के ओरेगोन इलाके में जाएं तो यहां जाना न भूलें।
उपेंद्र स्वामी

1 टिप्पणी:

jitendra ने कहा…

bahut badhiya post. blogwani me aapka swagat hain