रविवार, 22 फ़रवरी 2009

राजिम कुंभ में धर्म और संस्कृति के बीच तड़पता सच्चाई,सागर माली की दास्तां

छत्तीसगढ़ राजिम कुंभ में धर्म और संस्कृति के बीच देश की एक सच्चाई भी दिखाई दे रही है। दो वक्त की रोटी की जुगाड़ में मध्यप्रदेश के जबलपुर से पहुंचे सागर माली के बच्चो को देखकर सभी धर्म और संस्कृति दूर-दूर तक गायब नजर आता है। बच्चों के पास न तो तन ढकने के लिए कपड़े हैं और न ही पेट की आग बुझाने के लिए रोटियां । बच्चे कुपोषण का शिकार हो चुके हैं। इन सबके बाद भी आस्था का लाबदा ओढ़ने वालों को कोई फर्क नहीं पड़ता। राजिम कुंभ में हर रोज हजारों की संख्या में आस्था की डूबकी लगाने वाले पहुंच रहे हैं। ऐसे में जबलपुर से सागर माली भी पहुंचा है, लेकिन वह कोई धर्म या आस्था के सरोकार के साथ नहीं पहुंचा है। उसके चेहरे में तो हमेशा बच्चों की भूख और गर्भवती पत्नी की चिंता दिखाई देती है। सागर माली ने बताया कि उसकी शादी सन 1992 में हुयी थी और उसकी सबसे बड़ी बेटी कावेरी है, वह उसे पढ़ाना भी चाहता था लेकिन गरीबी के कारण नहीं पढ़ा सका। उसे छोटा बेटा मानिक भी स्कूल नहीं जा सका। फूलकी, सूरज , अर्जुन, सरस्वती,शिवम चारों आंगनबाड़ी में जाते हैं। इसके बाद भी सूरज का चेहरा सूरज की तरह नहीं चमक रहा बल्कि सूरज कुपोषण का शिकार हो चुका है । उसके पेट बाहर निकले हुए हैं। इस पर सागर कहता है कि वह क्या करे, बच्चों का पेट पालने के लिए ही वह जंगलों में जाकर जड़ी-बूटी एकत्र करता है और उसे किसी भी मेले या बाजार में ले जाकर बेचता है। यहां भी वह रामकंद बेचने आया है। वह एक अखबार को दिखाता है जिसमें उसे राजिम कुंभ में रामकंद बेचते दिखाया गया है । दूसरे फोटो के साथ उसे उसमें राजिम कुंभ का आकर्षण बताया गया है। इस आकर्षण के पीछे की सच्चाई शायद लोग जानना भी नहीं चाहते । सागर माली सात बच्चॊ और पत्नी के साथ यहां कुंभ में एक झोपड़ी बनाकर रह रहा है। झोपड़ी भी हर रोज उजड़ जाती है, आखिर नदी की बालू में कोई घरौंदा भी कब तक ठहर सकता है। सात बच्चे होने पर सागर कहता है कि वह क्या करें ,उसके समाज में महिलाओं का आपरेशन नहीं किया जा सकता है। जब उसे गांव की नर्स ने नसबंदी कराने के लिए कुछ दिन पहले कहा तो वह नसबंदी करा लिया है। राजिम कुंभ में सागर माली ही अकेला ऐसा नहीं है बल्कि समाज और परिस्थितियों की विडंबना से जाने कितने लोग घिरे हुए दिखाई देते हैं। ऐसा नहीं है कि इन्हें इस त्रासदी से दूर नहीं किया जा सकता है। लेकिन कईयों की नजर भी तो इसे देखना पसंद नहीं करता।

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